अक्सर महसूस करती हूँ मैं,
तुम्हारी खुशबू
अपने आस-पास ,
महक उठता है तन,
पुलकित हो जाता हैं मन,
उस परिचित सी सुगंध से ,
सिहर सी जाती हूँ मैं,
जब याद आता है किसी का पहला स्पर्श ,
गर्मी का खुश्क महीना भी
जैसे बन जाता है ,
बारिश का सा मौसम ,
लगता है जैसे
चुरा लिया हो,
किसी ने मुझको मुझसे ही,
साधिकार किया हो प्यार,
दे दिया हो जीवन भर को
स्मृतियों का उपहार।
तुम्हारी खुशबू
अपने आस-पास ,
महक उठता है तन,
पुलकित हो जाता हैं मन,
उस परिचित सी सुगंध से ,
सिहर सी जाती हूँ मैं,
जब याद आता है किसी का पहला स्पर्श ,
गर्मी का खुश्क महीना भी
जैसे बन जाता है ,
बारिश का सा मौसम ,
लगता है जैसे
चुरा लिया हो,
किसी ने मुझको मुझसे ही,
साधिकार किया हो प्यार,
दे दिया हो जीवन भर को
स्मृतियों का उपहार।
बहुत प्यारी रचना...... !!!
जवाब देंहटाएंapka dhanyavad
हटाएंकोमल भावनाओं से परिपूर्ण सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंpratikriya ke liye abhar
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